The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing
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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
Charitable functions such as donating food stuff and dresses into the needy may also be integral on the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate element of the divine.
देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥
The Saptamatrika worship is particularly emphasised for all those looking for powers of Regulate and rule, along with for those aspiring to spiritual liberation.
ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य
She is the possessor of all fantastic and wonderful factors, which include Bodily goods, for she teaches us to possess without getting possessed. It is said that stunning jewels lie at her toes which fell within the crowns of Brahma and Vishnu every time they bow in reverence to her.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च more info दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
Goddess Shodashi is also called Lalita and Rajarajeshwari which implies "the one particular who plays" and "queen of queens" respectively.
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।